Sunday, November 30, 2008

मुझे ज्यादा कुछ भी समझा में नहीं आता में बस दो ही बात जनता हूँ हिन्दुस्तान के लिए किसी की भी जान लेना या अपनी जान देना

मेरा प्रयास है की सब हिन्दुस्तानी मिल कर एक ऐसा संघटन बनायें जैसा कभी न बना हो हम लोग देश में हर जगह जा के हर हिन्दुस्तानी तक अपनी आवाज पहुंचाएंगे और आतंक वाद और देश द्रोहियों के विरुद्ध हर कदम उठाएंगे चाहे उसके लिए हमें किसी की जान लेनी पड़े या अपनी जान गवानी पड़े

जब एड्स जैसी बीमारी को जड़ से उखाड़ने के लिए दुनिया एक हो कर हर जगह पहुँच कर आम इंसान को जागरूक कर सकती है हर इंसान को जानकारी दे सकती है तो

क्या हम हिन्दुस्तानी मिल के इन चन्द आतंक करियो और देश द्रोहियों के विरुद्ध एक नहीं हो सकते

कभी मुम्बई कभी देहली कभी जयपुर कभी अहमदाबाद कभी कुछ

कभी भी उन मरे हुए लोगो हमारा भी नाम आ सकता है अब फैसला आप लोगो के हाथ में है आत्नक से मरना चाहोगे की आतंक वादियो के विरुद्ध उनसे लड़ते हुए उनको मार के मरना चाहोगे

अगर आप सब लोग साथ दे तो हम सब मिल के एक ऐसा ताकत बना सकते है जो हर मुसीबात का सामना कर सकेगी

अब आगे फैसला आपके हाथ है

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