इस बार 'मुजाहिद्दीन हैदराबाद डेकन' की ओर से भेजा गया टेरर मेल दिल्ली और अहमदाबाद ब्लास्ट से पहले भेजे गए मेल सहित इंडिय
न मुजाहिदीन (आईएम) के सभी 5 मेल से एकदम जुदा है। चाहे भाषा को लें या फिर कन्टेंट को। आईएम के मेल जहां किसी एक्सपर्ट द्वारा लिखे गए लगते थे वहीं इस बार का मेल ऐसा लगता है जैसे किसी नौसिखिया ने लिखा हो।
आईएम के मेल तराशी गई इंग्लिश में लिखे गए थे जिसमें आसपास की हर घटना और मीडिया हलचल का भी जिक्र होता था लेकिन 'मुजाहिदीन हैदराबाद डेकन' ने जो मेल भेजा है वह टूटी-फूटी हिन्दी में है।
मीडिया को बुधवार रात 1.15 में मेल आया। मेल को टाइटल दिया गया है- चेतावनी नहीं हकीकत। मेल की शुरुआत में लिखा है- 'हम आज भारत सरकार को आगाह करते हैं चेतावनी के साथ कि भारत सरकार मुसलमानों पर अन्याय का सिलसिला बंद करे...'। आगे लिखा है- 'हमें यह पता है कि भारत सरकार इस चेतावनी को गंभीरता से नहीं लेगी इसलिए हमने यह निश्चय किया है चेतावनी सिर्फ चेतावनी ही नहीं रहे बल्कि यह चेतावनी सही साबित भी हो...'। मेल में यह भी लिखा है कि-'... यह समझना छोड़ दें कि मुसलमानों को मस्जिदों में शहीद कर दंगे करा कर मुसलमानों की आर्थिक स्थिति कमजोर करके, पढ़े लिखे युवकों को जेल में डालकर मनोबल कमजोर हो जाएगा...नहीं हरगिज नहीं...' ।
अपने में यह भी दिलचस्प है कि जहां पिछले कई मेल में आतंकवादी अपनी लड़ाई को सैद्धांतिक लड़ाई साबित करते प्रतीत होते थे, इस बार उन्होंने प्रतिक्रियावादी और बेहद सतही भाषा का प्रयोग किया है। पढ़े लिखे युवकों को जेल में डालने की बात से लगता है कि उनका इशारा बटाला हाउस एनकाउंटर और उसके बाद गिरफ्तार किए गए आरोपी युवकों से हो सकता है।
Saturday, November 29, 2008
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