मुंबई पर हुए आतंकवादी हमला अपनी तरह का पहला हमला है। इस हमले में दहशत फैलाने का हर हथकंडा इस्तेमाल किया गया है। फिर चाहे वह सड़कों पर खुलेआम फा इस मेल का मजमून हम आपको पढ़ने के लिए दे रहे हैं। इसका मकसद आपको डराना नहीं बल्कि यह दिखाना है कि भारत के दुश्मन किस हद तक गिर सकते हैं और हमें उनका जवाब देने के लिए कितनी हिम्मत और एकता दिखानी होगी। भारत सरकार मुसलमानों पर अन्याय करना बंद करे। उनके छीने हुए राज्य उन्हें वापस कर दे। अब हम अन्याय नहीं सहेंगे। हमें पता है कि भारत सरकार इस चेतावनी को गंभीरता से नहीं लेगी , इसलिए हमने यह निश्यच किया है कि चेतावनी सिर्फ चेतावनी ही न रहे बल्कि अमलन यह चेतावनी सही साबित भी हो। जिस का जीता जागता उदाहरण मुंबई में आप देख चुके हैं। हिंदू यह न समझें कि एटीएस और सेना बहुत आधुनिक हथियारों से लैस है और बहादुर भी। कितनी बहादुर है यह नक्सल प्रभावित हिस्सों में आप देख ही रहे हैं। यह हमला उस क्रिया की प्रतिक्रिया है, जो हिंदू 1947 से अब तक करते आए हैं। अब कोई क्रिया नहीं होगी , सिर्फ प्रतिक्रिया होगी और बार-बार होती रहेगी। ऐसा मत समझना कि हम तुम्हारी हरकतें देख नहीं रहे हैं। हमारी हर जगह नजर है और हम बदला लेने के लिए सही वक्त का इंतजार कर रहे हैं। हम जानते हैं कि हाल ही में अंसारनगर , मोगरापाड़ा आदि इलाकों में रेड डालकर किस तरह मुसलमानों को परेशान किया गया। इन सबकी जिम्मेदारी मुंबई एटीएस और उनके सरपरस्त विलासराव देशमुख और आर. आर. पाटिल की है। तुम हमारी हिटलिस्ट में हो और पूरी गंभीरता से हो। | |
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Saturday, November 29, 2008
क्या लिखा है आतंकवादियों ने अपने ईमेल में
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